Wednesday, 23 July 2025

राजभाषा के रूप में हिन्दी


*       राजभाषा का अर्थ है शासकीय कार्यो में इस्तेमाल होने वाली भाषा, अर्थात् राजकाज की भाषा ।

*       संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को यह तय किया कि भारतीय संघ की राजभाषा देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी होगी।

*       संविधान के अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद की कार्यवाही हिन्दी में किए जाने का प्रावधान है।

*       भारतीय संविधान में राजभाषा संबंधी नौ अनुच्छेद (343-351) हैं ।

*       अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा होगी ।

*       हिन्दी के तत्काल प्रयोग को असंभव देखते हुए अनुच्छेद 343(2) में यह प्रावधान किया गया कि संविधान के लागू होने के 15 वर्षो तक संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रजी का प्रयोग किया जाता रहेगा ।

*       अनुच्छेद 345 में राज्यों की राजभाषा के संबंध में प्रावधान किया गया है।

*       अनुच्छेद 346 के तहत दो या दो से अधिक राज्य आपसी सहमति से आपस में पत्राचार के लिए हिन्दी भाषा को स्वीकार कर सकते हैं।

*       अनुच्छेद 346 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार करे और उसका विकास करे जिससे कि वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके ।

*       संविधान लागू होने के समय तक आठवी अनुसूची में चौदह भाषाओं को शामिल किया गया था । वर्तमान समय में कुल 22 भाषाओं को आठवी अनुसूची में शामिल किया गया है।

*       अनुच्छेद 344 के तहत 1955 में प्रथम राजभाषा आयोग की स्थापना हुई, जिसके अध्यक्ष बी-जी-खेर थे ।

*       राजभाषा आयोग की सिफारिशों की जांच करने के लिए 1957 में श्री गोविन्द बल्लभ पंत की अध्यक्षता में एक संसदीय समिति का गठन किया गया ।

*        1963 में राजभाषा अधिनियम पारित किया गया और सन् 1965 से हिन्दी को मुख्य राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया ।

*       राजभाषा नियम 1976 के तहत राजभाषा नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्यों और संघशासित क्षेत्रों को तीन भागों में बांटा गया है।

*       क्षेत्र में हिन्दी भाषी राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह शामिल हैं।

*       क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और चंडीगढ़ शामिल हैं।

*       क्षेत्र में शेष राज्य बंगाल, असम, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आदि शामिल हैं।

*       सन् 1967 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय हिन्दी समिति का गठन किया, जो सरकार की राजभाषा नीति के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने वाली सर्वोच्च संस्था है।

*       हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए मार्च 1960 में शिक्षा मंत्रलय के अधीन केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना हुई ।

*       केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय ने हिन्दी वर्तनी और देवनागरी लिपि का मानकीकरण किया है।

*       यह निदेशालय हिन्दी समाचार जगत और भाषा नामक पत्रिकाओं के साथ प्रतिवर्ष हिन्दी वार्षिकी का प्रकाशन करता है।

*       अक्टूबर 1961 में शिक्षा मंत्रलय के अधीन वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य विभिन्न विषयों के लिए पारिभासिक शब्दावली तैयार करना है।

*       मार्च 1971 में गृह मंत्रलय ने प्रशासनिक और गैर सांविधिक साहित्य के अनुवाद के लिए केन्दीय अनुवाद ब्यूरो की स्थापना की ।

*       राजभाषा विभाग गृहमंत्रालय के अधीन काम करता है। 

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