Thursday, 24 July 2025

राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (एनएमएनएफ) का क्रियान्वयन

भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (एनएमएनएफ) का कार्यान्वयन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को रसायन मुक्त, टिकाऊ और पारिस्थितिक अनुकूल कृषि अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

प्रमुख विशेषताएँ:

यह मिशन 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 15,000 प्राकृतिक कृषि क्लस्टरों में संचालित हो रहा है।

प्रत्येक क्लस्टर में लगभग 50 हेक्टेयर भूमि शामिल है और इसमें औसतन 125 किसान भाग लेते हैं।

प्रशिक्षण एवं जागरूकता:

किसानों को प्रशिक्षण देने, जागरूकता फैलाने, खेतों पर प्रदर्शन करने तथा निरंतर सहयोग प्रदान करने हेतु वैज्ञानिकों, किसान मास्टर प्रशिक्षकों (FMT) और प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (CRP) की एक सक्रिय टीम कार्यरत है।

अब तक मिशन के अंतर्गत:

3,900+ वैज्ञानिकों, एफएमटी और सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

28,000 से अधिक सीआरपी की पहचान की गई है।

806 प्रशिक्षण संस्थान (जैसे कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय और स्थानीय प्राकृतिक कृषि संस्थान) इस कार्यक्रम में सम्मिलित किए गए हैं।

मॉडल फार्म एवं प्रोत्साहन:

1,100 प्राकृतिक कृषि मॉडल फार्म विकसित किए गए हैं, जो प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।

प्रत्येक किसान को प्राकृतिक खेती करने, प्रशिक्षण लेने, पशुपालन करने और प्राकृतिक इनपुट तैयार करने हेतु प्रति वर्ष ₹4,000 प्रति एकड़ (अधिकतम एक एकड़) की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दो वर्षों के लिए प्रदान की जा रही है। 

अब तक 10 लाख से अधिक किसानों को इस मिशन के अंतर्गत नामांकित किया जा चुका है।

प्रमाणीकरण एवं बाज़ार पहुँच:

किसानों की उत्पादों को बाज़ार तक पहुँचाने के लिए एक सरल प्रमाणन प्रणाली विकसित की गई है।

प्राकृतिक कृषि प्रमाणन प्रणाली का संचालन राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक कृषि केंद्र (NCONF), गाजियाबाद द्वारा पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम (PGS)-भारत के अंतर्गत किया जा रहा है। 

डिजिटल निगरानी एवं पारदर्शिता:

मिशन की प्रगति की रियल-टाइम निगरानी के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है:

🔗 https://naturalfarming.dac.gov.in 

जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (BRC):

BRC (Bio-input Resource Centre) एक क्लस्टर-स्तरीय इकाई है जो उन किसानों को जैव-इनपुट उपलब्ध कराती है, जो स्वयं इन्हें तैयार नहीं कर सकते।

BRC किसानों को प्रशिक्षण, ज्ञान, और ऑन-फार्म डेमोन्स्ट्रेशन भी प्रदान करती है।

अब तक 7,934 BRC की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 2,045 BRC स्थापित किए जा चुके हैं।

BRC की स्थापना प्राकृतिक कृषि में संलग्न किसान, प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS), किसान उत्पादक संगठन (FPOs), स्वयं सहायता समूह (SHGs) या स्थानीय ग्रामीण उद्यमी कर सकते हैं।

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