Thursday, 17 July 2025

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दी

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" को आगामी छह वर्षों के लिए स्वीकृति प्रदान की है। यह महत्वाकांक्षी योजना वर्ष 2025-26 से 100 जिलों में लागू की जाएगी। नीति आयोग के आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम से प्रेरित यह योजना कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित पहली समर्पित योजना है।'

योजना के प्रमुख उद्देश्य:

  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि

  • फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन

  • संधारणीय कृषि पद्धतियों का प्रसार

  • पंचायत और प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता का विस्तार

  • सिंचाई सुविधाओं में सुधार

  • दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण तक सरल पहुंच

क्रियान्वयन की रूपरेखा:

  • यह योजना 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्यों की अपनी योजनाओं, और स्थानीय निजी भागीदारी के समन्वय से लागू की जाएगी।

  • 100 जिले तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर चयनित होंगे:

    1. कम कृषि उत्पादकता

    2. कम फसल सघनता

    3. अल्प ऋण वितरण

  • जिलों का चयन राज्यों के शुद्ध फसल क्षेत्र और परिचालन जोत के अनुपात के अनुसार किया जाएगा, तथा प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला लिया जाएगा।

योजना के संचालन हेतु व्यवस्थाएं:

  • जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी एवं क्रियान्वयन के लिए समितियाँ गठित की जाएंगी।

  • जिला धन-धान्य समिति संबंधित कृषि योजना को अंतिम रूप देगी। इसमें प्रगतिशील किसान भी सदस्य होंगे।

  • योजनाओं में प्राकृतिक व जैविक खेती, जल व मृदा संरक्षण, आत्मनिर्भरता, और फसल विविधता जैसे लक्ष्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

निगरानी और मूल्यांकन:

  • प्रत्येक जिले की प्रगति मासिक डैशबोर्ड के माध्यम से 117 मुख्य प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर की जाएगी।

  • नीति आयोग जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा।

  • केंद्रीय नोडल अधिकारी जिला स्तर पर नियमित निगरानी करेंगे।

प्रभाव और अपेक्षित परिणाम:

  • लक्षित जिलों में कृषि उत्पादकता में वृद्धि, मूल्यवर्धन, और स्थानीय आजीविका के अवसर सृजित होंगे।

  • यह योजना घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करेगी।

  • इन जिलों में सुधार के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन संकेतकों में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

यह योजना एक समेकित, बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण और स्थायी विकास की नींव रखेगी।

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