1. अलंकार संप्रदाय के प्रतिष्ठापक आचार्य है =भामह
2.
भरत मुनि ने कितने अलंकारों का उल्लेख किया है ?=4 1. उपमा 2. रूपक 3. दीपक 4. यमक
3.
अलंकार रत्नाकर नामक ग्रंथ के रचयिता है =शोभाकर मित्र
4.
दण्डी ने गुणों की संख्या कितनी मानी है
=10
5.
आचार्य भोज ने अनुसार गुणों की संख्या है
=24
6.
वामन ने गुणों की संख्या मानी है =20
7.
मम्मट,, भामह
तथा आनंद वर्धन ने गुणों के भेद माने है =3
8.
गुणों के प्रमुख भेद है =3 1. माधुर्य
2. ओज 3. प्रसाद
9.
वृत्ति का सर्वप्रथम वर्णन किस ग्रंथ में मिलता है=नाट्यशास्त्र में
10.
भारतीय काव्यशास्त्र में कितनी काव्य वृत्तियां मानी ग मानी गई है =3 1. परुषा 2. कोमल 3. उपनागरी
11.
सर्वप्रथम दोष की परिभाषा किस आचार्य ने प्रस्तुत की=वामन ने
12.
दंडी में कितने काव्य दोषों का वर्णन किया है =10
13.
वामन ने कितने काव्य दोषों का वर्णन किया है =20
14.
विश्वनाथ ने कितने दोषों का वर्णन किया है =70
15.
काव्य दोषो का सर्वप्रथम निरुपण किस ग्रंथ में मिलता है =भारत कृत नाट्य शास्त्र
में
16
दस के स्थान पर तीन काव्य गुणों की स्वीकृति प्रथम किस आचार्य ने की==भामह ने
17.
प्रेयान नामक नवीन रस की उद्भावना किस आचार्य ने की।=रुद्रट
18.
आलोक का हिंदी भाष्य किसने लिखा= आचार्य विश्वेश्वर ने
19.
भावप्रकाश नामक ग्रंथ के रचयिता है=शारदातनय
20.
दण्डी ने कितने काव्य हेतु माने है =3 1. नैसर्गिकी प्रतिभा 2. निर्मल शास्त्र ज्ञान 3. अमंद अभियोग[अभ्यास]
21.
रुद्रट और कुंतक ने कितने काव्य हेतु माने है =3 1. शक्ति 2. व्युत्तपत्ति 3. अभ्यास
22.
वामन ने कितने काव्य हेतु माने है =3 1. लोक, 2. विद्या 3. प्रकीर्ण
23.
व्यंग के तारत्मय के आधार पर काव्य के कितने भेद माने जाते है =3 1. ध्वनि 2. गुणीभूत व्यंगचित्र 3. चित्र
24. काव्यरुप(इंद्रियगम्यता) के आधार पर काव्य
के कितने भेद है =2 1. दृश्य काव्य 2. श्रव्यकाव्य
25. दृश्यकाव्य[ रूपक] के कितने प्रमुख
भेद है =10
26. श्रव्यकाव्य के कितने भेद हैं =3 1. गद्य,
2. पद्य 3. चंपू [ गद्य- पद्यमय काव्य]
27. लक्षणा के कुल कितने भेद माने जाते
हैं =12
28. किस लक्षणा को अभिधा पुच्छभूता कहते
है= रूढ़ि लक्षणा को
29. किस आचार्य ने लक्षणा के 80 भेदों का
उल्लेख किया है =विश्वनाथ ने
30. मम्मट ने लक्षणा के कितने भेदों का
उल्लेख किया है =12
31. किस काव्य को चित्रकाव्य कहा जाता है
=अधम काव्य को
32. बंध के आधार पर काव्य के कितने भेद
हैं =2 1. प्रबंध, 2. मुक्त्तक
33. पूर्वापर सम्बन्ध निरपेक्ष काव्य
-रचना को कहते हैं=मुक्त्तक
34. पूर्वापर सम्बन्ध निर्वाह -सापेक्ष रचना को कहते है =प्रबंध
35. संस्कृत में साहित्य के लिए किस शब्द
का प्रयोग होता है =वाङ्मय
36. तात्पर्य क्या है ==अभिधा, लक्षणा, व्यंजना की तरह चौथे प्रकार की नई
शब्द-शक्ति
37. भामह ‘अभाववादी, कहलाते है क्योंकि उन्होंने काव्य में
ध्वनि की सत्ता स्वीकार नहीं की है
38. प्रतिभा मात्र को ही काव्य का हेतु
आवश्यक सर्वप्रथम किसने माना ==हेमचंद्र ने
39. गुणिभूत व्यंग के कितने भेद होते हैं
=8
40. वाच्यता असह,,का अन्य नाम है ==रस ध्वनि
41. भरत ने हास्य रस के कितने भेद माने
हैं =6
42. कुंतक ने वक्रोति के भेद व् उपभेद
माने है = 6 भेद व 41 उपभेद
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