Tuesday 21 August 2018

काल के कपाल पर अमिट अटल

हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।
अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही दीदावर थे, जिन्होंने अपने विलक्षण व्यक्तित्व से चमन को जीवनपर्यन्त गुलज़ार किया | सक्रिय राजनीति से 13-14 वर्षों तक दूर रहने और पिछले १० वर्षों से बीमारी की अवस्था में रहने के कारण नयी पीढ़ी उनके विराट व्यक्तित्व को जानती भी नहीं थी | इसके बावजूद उनके महाप्रयाण पर पीढ़ियों ही नहीं बल्कि सभी तरह की जातीय, धार्मिक और दलीय सीमाएं टूट गई | देश की जनता ने जिस भाव-विह्वलता से अटल जी को अंतिम विदाई दी, वह अतुलनीय था, अविश्वसनीय था |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस शुचिता का जाना है जिसने राजनीति की काली कोठरी में अपने आश्रय के लिए अटल जी दामन थाम रखा था | भारतीय राजनीति से उस गरिमा और प्रतिष्ठा का जाना है, जो समकालीन राजनीति के आचरण एवं चरित्र में अलभ्य है | अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस ईमानदारी और भलमनसाहत का जाना है, जो महज एक वोट से अपनी सरकार गवां देता है लेकिन किसी भी कुत्सित तरीके से परहेज करने पर अडिग रहता है | अटल जी का जाना भारतीय राजनीति एवं साहित्यिक जगत के मुखरित स्वर का मौन हो जाना है। 
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति के उस ध्रुवतारे का अस्त होना है, जो अपनी चमक से भारतीय राजनीति और समाज को कई दशकों से आलोकित करता रहा है |
अटल जी का जाना राजनीति के शिखर पुरूष का जाना है जो भारतीय लोकतंत्र को एक मानवोचित ऊंचाई प्रदान किया करता था |
अटल जी का महाप्रयाण उस महान सपूत का महाप्रयाण है जिसने माँ भारती के कण-कण और बूंद-बूंद को पवित्र और पूजनीय माना और विश्व में मां भारती के मान सम्मान को बुलंदी पर पहुँचाया |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस अनन्य राष्ट्रप्रेमी का जाना है, जो मानता था कि उसकी अस्थियों को नदियों में प्रवाहित कर यदि कान लगाकर सुना जाय तो उससे एक ही आवाज निकलेगी-भारत माता की जय |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस महान देशभक्त का जाना है, जिसने राष्ट्रहितों से कभी समझौता करना स्वीकार नहीं किया और उस प्रहरी का जाना है जिसने तमाम अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बावजूद राष्ट्र की सुरक्षा के लिए पोखरण जैसे परीक्षण को अंजाम देकर पुरी दुनिया को हिला दिया ताकि कोई हिदुस्तान की ओर हिकारत की नजरों से देखने की हिमाकत न कर सके | अटल जी की अंतिम यात्रा उस प्रखर राष्ट्रवादी की यात्रा थी, जिसके लिए राष्ट्रवाद विचारधारा, शिगूफा या नारा नहीं, बल्कि एक जीवन शैली थी |

अटल जी का जाना भारतीय राजनीति के उस अजातशत्रु का जाना है, जो अपने विरोधियों को भी अपना मुरीद बना लेता था |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति के उस भीष्म पितामह का जाना है, जिसने अपने भीष्म त्याग और अनन्य समर्पण से राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस महान कूटनीतिज्ञ का जाना है, जिसने चीन जैसे अक्खड़ देश को भी अपनी अक्खड़ता छोड़ने पर विवश किया |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस आवाज़ का मौन होना है, जिसकी अनुगूँज संसद के गलियारों से लेकर देश के कोने-कोने में प्रतिध्वनित होती है | अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से वाणी के उस जादूगर का जाना है, जो अपनी जादू से जनमानस को सम्मोहित किए रखता था | भारतीय राजनीति से उस जिन्दादिली का जाना है, जो अपने निराले और चुटिले अंदाज से लाखों के जन सैलाब को ठहाके लगाने पर विवश कर देता था | अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस हाजिरजवाबी का जाना है, जो प्रत्युत्तर करने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता था |

अटल जी का जाना भारतवर्ष के उस अप्रतिम योद्धा और महानायक का जाना है, जिसे विपरीत परिस्थितियों में हार स्वीकार नहीं था और पराजय को भी विजय के गगन भेदी विश्वास में बदलने की ताकत थी | उस कर्मवीर का जाना है, जो लक्ष्य तक पहुंचे बिना कर्तव्य पथ से विमुख होना नहीं जानता था | उस साहस का जाना है जिसमें 'आंधियों में भी दीये जलाने' की क्षमता थी |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस विकास पुरूष का जाना है, जिसने पूरे देश में डिजिटल क्रांति को जन्म दिया और साथ ही स्वर्णिम चतुर्भुज की धमनियां बिछा दी |
अटल जी का जाना उस संवेदनशील कवि का जाना है, जो अपनी कविताओं से जनमानस को आंदोलित कर देता था| अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस आलोचक का जाना है, जो अपने प्रतिपक्ष की आलोचना में भी इसका ख्याल रखता था कि उसे किसी प्रकार का ठेस न पहुंचे | कभी किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की।
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति के उस महागुरु का जाना है, जिससे कई पीढ़ियों ने राजनीति का ककहरा सीखा है|
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति से उस महामानव का जाना है, जो इंसानों के बीच देवता-तुल्य हुआ करता था |
अटल जी का जाना भारतीय राजनीति के उस यारबाज का जाना है, जो सदैव अटल भरोसे को निभाने का माद्दा रखता था |
अटल जी का जाना उस स्वप्नद्रष्टा का जाना है जो हिंदुस्तान के प्रत्येक नागरिक को गरिमा और मान-सम्मान दिलाना चाहता था, उन्हें खुशहाल देखना चाहता था और दुनिया में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना का प्रसार देखना चाहता था|












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