जोशीमठ में लोगों के उजरते आशियाना का कारण कई बताए जा रहे हैं। 47 साल पहले वर्ष 1976 में मिश्रा कमेटी ने जोशीमठ में अंधाधुंध विकास से लैंडस्लाइड जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जताई थी। वहीं, स्थानीय लोगों का दावा है कि जोशीमठ की ताजा स्थिति के पीछे एनटीपीसी के टनल को जिम्मेदार बताया था। लोगों की आशंकाओं पर सीनियर पर्यावरण विशेषज्ञ रवि चोपड़ा भी मुहर लगाते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि जोशीमठ में आज जो कुछ हम देख रहे हैं, वह एनटीपीसी की ओर से किए गए टनल के निर्माण का परिणाम है।
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